रविवार व्रत माहात्म्य, व्रत विधि, नियम एवं उद्यापन विधि
का आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक लाभ बताने जा रहे है। सनातन हिंदू व्रत और कथा वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक आधार पर आधारित है। सूर्य हमारे सौर मंडल का भी केंद्र बिंदु है और सभी ग्रहों के राजा भी। हमारे जीवन में सूर्य की अनुकूलता अति आवश्यक है। सूर्य अनुकूल तो सभी ग्रह अनुकूल रहते है। इन्हे प्रसन्न कर हम जीवन में हर खुशी पा सकते है।
रविवार के दिन सूर्य की किरणों में अद्भुत शक्ति होती है सभी रोगों की किटाणुओ और समस्त नकारात्मक शक्तियों को नष्ट कर सकारात्मकता से भरपूर करने की।इसलिए हम उपवास कर शुद्ध रह कर इन शक्तियों को ग्रहण करने के लिए सूर्य व्रत करते है |
रविवार व्रत के नियम –
भगवान सूर्य नारायण का व्रत एक वर्ष या 30 रविवारों तक अथवा 12 रविवारों तक करना चाहिए।
रविवार के व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए |
रविवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से शुरू करना चाहिए |